Tuesday, September 25, 2012

दबेगी कब तलक आवाज़ -ए -आदम

दबेगी कब तलक आवाज़ -ए -आदम , हम भी देखेंगे
रुकेंगे कब तलक जज़्बात -ए -बरहम , हम भी देखेंगे
चलो यूं ही सही ये जौर -ए -पैहम , हम भी देखेंगे

दर -ए -ज़िन्दान से देखें या उरूज -ए -दार से देखें
तुम्हें रुसवा सर -ए -बाज़ार -ए -आलम हम भी देखेंगे
ज़रा दम लो माल -ए -शौकत -ए -जम हम भी देखेंगे

बा -जोम -ए -कुव्वत -ए -फौलाद -ओ -आहन देख लो तुम भी
बा -फ़ैज़ -ए -जज्बा -ए -ईमान -ए -मुहकम हम भी देखेंगे
जबीं -ए -काज -कुलाही ख़ाक पर ख़ाम हम भी देखेंगे

मुकाफ़ात -ए -अमल तारीख़ -ए -इंसान की रिवायत है
करोगे कब तलक नावक फ़राहम हम भी देखेंगे
कहाँ तक है तुम्हारे ज़ुल्म में दम हम भी देखेंगे

ये हंगाम -ए -विदा -ए -शब् है ऐ ज़ुल्मत के फ़रज़न्दो
सहर के दोश पर गुलनार परचम हम भी देखेंगे
तुम्हें भी देखना होगा ये आलम हम भी देखेंगे