Friday, December 15, 2017

कला के बारे में

कभी-कभी मैं भी कह देता हूँ- हाय,
अपने दिल की गहराइयों से
जब देखता हूँ  सुनहरे बालों की लटों में गुंथी
खुनी रंग के मोतियों की माला!

लेकिन मेरी कविता की देवी को
पसंद है हवा से बातें करना
इस्पात से बने डैनों पर
जैसे शहतीर मेरे झूला पुलों के!

मैं दिखावा नहीं करता
कि गुलाब के लिए बुलबुल का मातम
आसान नहीं कानों में गूंजना
लेकिन वह जुबान
जो सचमुच मुझसे बात करती है
वह तो विथोवेन के सोनेट हैं बजते हुए
ताम्बा, लोहा, लकड़ी, हड्डी और ताँत पर….

आप के लिए मुमकिन है
सरपट भागते हुए गायब हो जाना
धूल के गुबार में!
जहाँ तक मेंरी बात है, मैं नहीं बदलूँगा
असली नस्ल के अरबी घोड़े से
छह मील की रफ़्तार वाला
अपना लोहे का घोड़ा
जो दौड़ता है लोहे की पटरी पर!

कभी-कभी मेरी आँखें उलझ जाती हैं
किसी बूढी गूंगी बड़ी मक्खी की तरह
हमारे घर के कोने में लगे चतुर मकड़ी के जाले में.
लेकिन सच पूछो तो मैं देखता हूँ
सतहत्तर मंजिले, मजबूत कंक्रीट के पहाड़
जिनको बनाते हैं मेरे नीली वर्दी वाले बिल्डर!

मिलना होता अगर मुझको
जवान अदोनिस*, बाइब्लोस के देवता की
मरदानी सुन्दरता से किसी पुल पर,
तो शायद मैं ध्यान ही नहीं देता उसकी तरफ;
मगर मैं रोक नहीं सकता टकटकी लगाने से
अपने फलसफी की बेजान आँखों के अन्दर
या अपने फायरमैन के पसीने से सराबोर
सपाट चेहरे पर, दहकता सूरज की तरह!

हालाँकि मैं पी सकता हूँ
घटिया सिगरेट
बिजली घर में अपने काम की जगह  पर,
लेकिन अपने हाथों से कागज में लपेटकर
नहीं पी सकता तम्बाकू-
चाहे कितना ही बेहतरीन क्यों न हो!
चमड़े की जैकेट और टोप में सजी
अपनी बीबी का सौदा
न आज तक किया और न आगे करूँगा
ईव के नंगेपन से!
मुमकिन है कि मेरे पास नहीं हो शायराना रूह”?
लेकिन मैं क्या करूँ
अगर  मैं अपने खुद के बच्चों से प्यार करता हूँ
कहीं ज्यादा.

 — नाजिम हिकमत
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अदोनिसग्रीक पौराणिक कथाओं का एक धार्मिक रहस्यादी चरित्र. सुन्दरता का प्रतीक. अदोनिस की मृत्यु  एस्बोस द्वीप के शायर सैप्फो के चारों ओर युवा लड़कियों के घेरे में हुई, ऐसा दिखाया गया है.

(अनुवाद दिगम्बर)

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